हम जे गौरव करैछी – अशोक दत्त
सोहर साँझ पराती निस दिन अनुगुञ्जित जाहि ठाम
हम मैथिल छी मिथिलाके सीता नैहर अछि गाम
हमर मिथिला महान हमर मैथिली महान
धीया भारती शास्त्रार्थमे कएल पराजित शंकराचार्य
तपोभूमि आ ज्ञानभूमिसँ महिमामण्डित ई भू–भाग
गौतम कणाद मण्डन अयाची जन्मल वाचस्पति महान
अही धराके धीया सीया गार्गी मैत्रेयी के नहि जान
कालीदास आ गोनू हमरे सुगा पढ़ए एतै पुराण
हमर मिथिला महान हमर मैथिली महान
वीर सपूत मैथिलके अछि भैया अनेको अमर गाथा
दिना भद्री सल्हेश लोरीक दुलरादयाल हमरे भ्राता
स्वयं स्वयंभू उगना बानिक आएल छलाह जाहि ठाम
कण–कणमे अछि रचल–बसल ओहि विद्यापतिके तान
गंगा कोशी कमला गण्डक बहए बागमती वलान
हमर मिथिला महान हमर मैथिली महान
मन्दिर मस्जिद एक्के जहिना चान सुरुज सझिया
सामा–चकेवा गोदना झिझिया तहिना मोहर्रमके तजिया
जाति–पातिके भेद जत' नइँ अछि हमरे ओ पहिचान
तिलकोरक तरुवा माछ दही संग अनुपम पान मखान
पुनर्जन्म जं हुऔ कहियो जन्मी फेरो एही ठाम हमर मिथिला महान हमर मैथिली महान